📰 विस्तृत समाचार रिपोर्ट
सेवारत शिक्षकों पर TET अनिवार्यता को लेकर शिक्षा मंत्रालय का RTI जवाब आया — निष्कर्ष स्पष्ट: TET पास करना अनिवार्य है
बागेश्वर/दिल्ली।
शिक्षकों के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) की अनिवार्यता और इसका सेवारत शिक्षकों की पदोन्नति व सेवा पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर देशभर में बहस जारी थी। इसी सवाल पर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से सूचना का अधिकार (RTI) के तहत स्पष्टीकरण मांगा गया था। मंत्रालय ने अपना विस्तृत और आधिकारिक जवाब जारी कर दिया है।
RTI के इस जवाब ने स्पष्ट कर दिया है कि—
➡️ सेवारत शिक्षकों पर भी TET लागू है और TET पास करना अनिवार्य है।
🟦 RTI में क्या पूछा गया था?
RTI के माध्यम से मुख्य रूप से यह जानना चाहा गया था:
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क्या कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों की नियुक्ति के लिए TET अनिवार्य है?
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शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act 2009) कब लागू हुआ और इसके तहत क्या प्रावधान हैं?
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क्या बिना TET के शिक्षक नियुक्ति या पदोन्नति (प्रमोशन) के पात्र हैं?
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2017 के संशोधन के बाद TET के नियम क्या हैं?
🟦 शिक्षा मंत्रालय ने RTI में क्या कहा?
RTI में मंत्रालय ने जो महत्वपूर्ण बातें स्पष्ट कीं, उनमें शामिल हैं:
1️⃣ 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के तहत कक्षा 1–8 में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए TET अनिवार्य है।
सरकार ने इसे न्यूनतम योग्यता घोषित किया था, जिसे पूरे भारत में लागू किया गया।
2️⃣ RTE Act 2009 की धारा 23 के अनुसार शिक्षक नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता में TET शामिल है।
और यह नियम केंद्र व राज्य सरकारों दोनों पर लागू होता है।
3️⃣ 31 मार्च 2015 तक नियुक्त उन शिक्षकों को, जिनके पास TET नहीं था, 5 वर्ष की विशेष छूट दी गई थी ताकि वे TET पास कर सकें।
यदि शिक्षक समय सीमा में TET पास नहीं कर पाते, तो उन्हें निर्धारित योग्यता प्राप्त करनी ही होगी।
4️⃣ 2017 के संशोधन के बाद भी TET को हटाया नहीं गया—बल्कि इसकी शर्तें यथावत रखी गईं।
मंत्रालय ने साफ कहा कि TET नियुक्ति व सेवा की न्यूनतम योग्यता है।
5️⃣ जहां राज्य में प्रशिक्षण संस्थान नहीं थे, वहां कुछ रिलैक्सेशन दिया गया, परंतु अंतिम योग्यता में TET अनिवार्य ही है।
🟦 बड़ी बात: क्या पदोन्नति (Promotion) के लिए भी TET जरूरी?
RTI जवाब और समाचार रिपोर्ट्स दोनों मिलकर संकेत देती हैं कि—
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शिक्षा विभाग TET को न्यूनतम योग्यता मानता है।
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यदि शिक्षक उच्च पदों (एलटी, प्रवक्ता आदि) में पदोन्नति चाहते हैं, तो TET न होना बाधक बन सकता है।
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कई राज्यों में TET के अभाव में प्रमोशन रोके जाने के मामले बढ़ रहे हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह मुद्दा और भी स्पष्ट हुआ है कि न्यूनतम योग्यता (TET सहित) को बिना पूरा किए प्रमोशन देना नियमों के विरुद्ध होगा।
🟦 स्थानीय अधिकारियों और संघों की प्रतिक्रिया (समाचार कटिंग के आधार पर)
समाचार कटिंग में शिक्षकों और अधिकारियों की राय भी दर्ज है:
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कुछ पदाधिकारियों ने कहा कि लंबे समय से सेवा दे रहे और हाइस्कूल/इंटर में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए TET को बाध्यकारी बनाना तार्किक नहीं है।
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अन्य लोग मानते हैं कि नियम सबके लिए एक समान हैं, इसलिए TET पास करना आवश्यक है।
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कई संघों ने सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की है, लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र सरकार और न्यायालय के नियमों पर टिका है।
🟥 🔍 अंतिम निष्कर्ष: क्या सेवारत शिक्षकों पर TET अनिवार्य है?
✅ **हाँ, शिक्षा मंत्रालय के RTI जवाब के अनुसार—
सेवारत शिक्षकों पर भी TET अनिवार्य है।**
📌 यह TET:
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नियुक्ति के लिए भी अनिवार्य है
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सेवा में रहते हुए योग्यता पूर्ण करने के लिए भी आवश्यक है
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पदोन्नति के रास्ते में बाधा बन सकता है यदि TET नहीं है
✔️ निष्कर्ष—TET पास करना है।
RTI जवाब और केंद्र सरकार की अधिसूचनाएँ यह स्पष्ट करती हैं कि शिक्षक चाहे सेवारत हों या नियुक्ति की तैयारी कर रहे हों—
✨ TET न्यूनतम योग्यता है और इसे पूरा करना ही होगा।
शिक्षक भास्कर जोशी



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