संस्कृति विभाग उत्तराखंड द्वारा अनुसूचित जाति के लोक कलाकारों को निःशुल्क वाद्ययंत्र देने की योजना।

देहरादून। संस्कृति विभाग, उत्तराखंड द्वारा अनुसूचित जाति के परंपरागत एवं पेशेवर लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से निःशुल्क पारंपरिक वाद्ययंत्र प्रदान करने की योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत ढोल-दमाऊ, मसकबीन, रणसिंघा, तुरही, नगाड़ा, ढाल-तलवार आदि वाद्ययंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे।

संस्कृति निदेशालय, एम.डी.डी.ए. कॉलोनी, चंद्र रोड, डालानवाला, देहरादून द्वारा जारी सूचना के अनुसार इच्छुक कलाकार निर्धारित प्रारूप पर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 25 जनवरी 2025 निर्धारित की गई है। एक कलाकार को जीवन में केवल एक बार ही वाद्ययंत्र दिया जाएगा तथा एक परिवार से एक से अधिक कलाकार को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए और मासिक आय 2000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्राथमिकता परंपरागत वादक परिवारों (बाजगी) से संबंधित कलाकारों को दी जाएगी। आवेदन संबंधित जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय में जमा किए जाएंगे, जिसके बाद चयन समिति द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

संस्कृति विभाग का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से लोक कला और पारंपरिक वाद्ययंत्रों को संरक्षण देना तथा कलाकारों को आत्मनिर्भर बनाना है।

शिक्षक भास्कर जोशी 

(शिक्षा से सूचना तक )

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